मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार की सूचना मांगना आरटीआई कार्यकार्ता को पड़ा भारी,पीड़ित ने सूचना वापस न लेने पर हमला होने की शिकायत की

हरिद्वार

हरिद्वार। मनरेगा के तहत हुए भ्रष्टाचार एवं ग्राम प्रधान के द्वारा गांव में कराए गए कार्यो के मामले में सूचना मांगना एक आरटीआई कार्यकर्ता को भारी पड़ गया। ताजा मामला बहादरपुर जट्ट का हैं। पथरी थाना क्षेत्रांतर्गत में मनरेगा के सम्बन्ध में सूचना मांगने पर आरटीआई कार्यकर्ता पर हमला कर घायल करने का गंभीर मामला सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक पथरी थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम बहादरपुर जट्ट के निवासी प्रदीप कुमार ने सूचना का अधिकार 2005 अधिनियम के तहत ग्राम प्रधान से 2022 से लेकर 2024 तक मनरेगा के तहत किए कार्य एवं भुगतान संबंधी जानकारी मांगी थी। आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप का आरोप हैं कि मनरेगा योजना में मिलने वाले सरकारी पैसे का ग्राम प्रधान द्वारा अपने चहेतों के एकाउंट में पैसा डलवाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं।

प्रदीप का आरोप हैं कि उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी कार्यालय से ग्राम प्रधान राजेश कुमार द्वारा मनरेगा के तहत किए गए कार्यो संबंधित आरटीआई मांगी थी। जिसके बाद से ग्राम प्रधान उन पर न सिर्फ आरटीआई वापिस लेने का दबाव बनाए हुए था बल्कि उनसे रंजिश भी रखने लगा था।

आरोप हैं कि आरटीआई वापस लेने से इंकार के बाद बौखलाए ग्राम प्रधान ने 7 जनवरी 2025 को इक्कड़ रेलवे स्टेशन के समीप खेत में अपने कर्मचारी एवं अन्य लोगों के साथ काम पर था, तभी आधा दर्जन से अधिक लोग हाथ में लाठी डण्डे व धारदार हथियार लेकर खेत पर आ धमकें और प्रदीप कुमार पर जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले में हमला कर गंभीर रूप से घायल किए जाने का आरोप लगाते हुए शुभम ,लालचन्द व अमित उर्फ चिंटू सहित 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ पथरी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया हैं।

वहीं ग्राम प्रधान के कर्मचारी लालचंद ने भी पथरी थाने में आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पर मारपीट एवं गाली गालौज करने का आरोप लगाते हुए संबंधित थाना क्षेत्र में क्रास रिपोर्ट दर्ज कराई हैं।

आरटीआई कार्यकर्ताओं पर पहले भी हो चुकें हैं हमले और हो चुकी हैं हत्या
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देश में आज हालात यह हैं कि आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा रामभरोसे हैं। कई आरटीआई कार्यकर्ताओं पर पहले भी प्रदीप कुमार की तरह आरटीआई मांगे जाने पर हमले हो चुकें हैं। इतना ही नहीं विगत वर्षो पूर्व जगजीतपुर क्षेत्र में एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा राशन डीलर की सूचना मांगे जाने पर हत्या कर दी गई थी। क्यूंकि आरटीआई के तहत भ्रष्टाचार उजागर होता हैं और शासन प्रशासन की भी कार्यशैली उजागर होती हैं। इसलिए आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले या फर्जी मुकदमों के मामलों में आरटीआई मांगने वालों को शासन-प्रशासन उदासीन रवैया के चलते न्याय के लिए भटकते अक्सर देखा जा सकता हैं।

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