हरिद्वार। हरिद्वार में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने मेयर एवं पार्षद प्रत्याशियों की नामों की सूची लगभग जारी कर दी हैं। प्रत्याशी चयन के पश्चात राजनितिक दलों में घमासान मचा हैं। जिनका राजनितिक पार्टियों से टिकट नहीं हो पाया हैं उनकी नाराजगी भी बयानो के तौर पर तो अब खुलकर बाहर आ ही रही हैं साथ ही कुछ निर्दलयी लड़ने की जिद पर अड़े हैं तो कुछ प्रत्याशी एक दल से दूसरे दल में कूद लगाने का खेल खेलते साफ तौर पर नजर आ रहे हैं। निकाय चुनाव में पुराने चेहरों के साथ-साथ अब नए चेहरों को भी पार्टियों ने किस्मत अजमाने का मौका दिया हैं। नए चेहरों में कई युवा चेहरे हैं जिन पर पार्टी नेताओं ने निकाय चुनाव में खासी उम्मीदें लगाई हुई हैं।
लेकिन टिकट का सपना पाले नेता उम्मीद टूटते देख अब पार्टी व पार्टी नेताओं पर बयानबाजी करने में लगे हैं। हालांकि चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा दिए जाने वाले विवादित बयानों और तमाम तरह की अनुशासनहीनता के लिए राजनीतिक पार्टियां वैसे तो प्रदेश स्तर पर काफी सख्त नजर आती है, लेकिन पार्टी द्वारा संरचनात्मक रूप से बनाई गई अनुशासन समिति का कहीं रोल वास्तविकता में धरातल पर देखने को नहीं मिलता है । ऐसे में क्या निकाय चुनाव से पहले जिस तरह से तमाम विवादित बयान नेताओं की तरफ से आ रहे हैं राजनीतिक दलों की अनुशासन समिति उस पर एक्शन लेगी। यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।