अनिल बिष्ट/हरिद्वार। विगत सप्ताह पूर्व उत्तराखण्ड स्तम्भ समाचार ने अपने न्यूज पोर्टल व समाचार पत्र में कनखल क्षेत्रांतर्गत में निवर्तमान पार्षद और फार्मेसी संचालक पौत्र ने मिलकर औद्योगिक इकाई श्रेणी की भूमि पर प्लाटिंग की योजना बनाए जाने संबंधी खबर का प्रकाशन प्रमुखता से किया था। निवर्तमान पार्षद और फार्मेसी पौत्र की औद्योगिक श्रेणी की भूमि खरीद-फरोख्त के मध्य हुई सौदेबाजी की खबर से मचे हडकंप के बाद स्वर्गवासी कांग्रेसी नेता पौत्र एवं फार्मेसी संचालक ने अपने अधिवक्ता के मार्फत हरिद्वार सिविल कोर्ट में केविएट प्रार्थना पत्र दाखिल किया हैं। जिसकी बतौर नोटिस की प्रति उत्तराखण्ड स्तम्भ सम्पादक को भी प्रेषित की हैं। इस डर से कि इस संपत्ति के बाबत विपक्षी मामला न्यायालय में दायर कर एकपक्षीय आदेश प्राप्त कर सकते हैं।
कहावत हैं कि पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं । इसका अर्थ हैं कि किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान उसके वर्तमान लक्षणों से लगाया जा सकता है ।
उत्तराखण्ड स्तम्भ को प्रेषित नोटिस की प्रतिक्रिया ने अपने आप में उत्तराखण्ड स्तम्भ समाचार एवं पोर्टल में प्रकाशित खबर पर मोहर लगा दी हैं कि निवर्तमान पार्षद और फार्मेसी संचालक पौत्र के बीच औद्योगिक श्रेणी की भूमि को लेकर कुछ न कुछ दाल जरूर गल रही हैं।
गौरतलब हैं कि निवर्तमान पार्षद और फार्मेसी संचालक पौत्र ने नियम कायदे ताक पर रख कर औद्योगिक श्रेणी की भूमि पर प्लाटिंग की योजना का खाका तैयार कर रहे हैं। लेकिन इस योजना पर संपत्ति का भू-उपयोग औद्योगिक श्रेणी में होने के कारण अभी फिलहाल प्लाटिंग की योजना पर ग्रहण लग गया हैं। हलांकि बाजार में एडवांस बुकिंग का कार्य चल रहा हैं। बताया जा रहा हैं कि बकायदा इस संपत्ति के सौदे के संबंध में निर्वतान पार्षद और फार्मेसी संचालक पौत्र का पैसे का अधिकांश लेन-देन हो चुका हैं। घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित यह संपत्ति बेशकिमती हैं और इस पर पूर्व कैबिनेट मंत्री भी इस खरीद-फरोख्त में अप्रत्यक्ष रूप से निवर्तमान पार्षद के साझेदार बताए जा रहे हैं। औद्योगिक इकाई वाले स्थल को तोड़-फोड़ कर प्लाट की शक्ल दे दी गई हैं। निवर्तमान पार्षद ने प्लाट का बाजारी भाव 11 हजार रूपए फुट का रेट निकाला हैं। निवर्तमान पार्षद और उनके संरक्षक पूर्व कैबिनेट मंत्री शासनस्तर से तिगड़मबाजी से इस संपत्ति के भू-उपयोग को आवासीय में परिवर्तन कराने के प्रयास में लगे हुए हैं।
फार्मेसी पौत्र के करीबियों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी हैं कि संपत्ति पर परिवार के तीन लोगों का अधिकार हैं । एक भाई की हाल ही में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक ने इस संपत्ति पर स्टे लिया हुआ था। संपत्ति की एक हिस्सेदार बहन विदेश में रह रही हैं।
जबकि नियमानुसार औद्योगिक श्रेणी भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जा सकता हैं।