
14 मार्च 2016 विधानसभा घेराव के दौरान हंगामें में शक्तिमान हुआ था घायल
नैनीताल। उत्तराखण्ड की पूर्व कांग्रेस सरकार में बहुचर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच चुका हैं। मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई , अगली सुनवाई 9 जून को होगी।
वर्ष 2016 में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा विधानसभा का घेराव कर जमकर हंगामा किया था। इसी दौरान हुए हंगामें में शक्तिमान घोड़े की मौत हो गई थी। इसी मामले में आरोपियों को सजा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने मामले को फिर से सुनने के लिए अगली सुनवाई की तिथि 9 जून तय की हैं। जबकि बीते 4 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया थां।
याचिकाकर्ता होशियार सिंह बिष्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत ने वर्तमान भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को दोषमुक्त कर दिया था और कहा था कि याचिकाकर्ता होशियार सिंह बिष्ट ना तो शिकायतकर्ता है ना ही गवाह है। याचिका में कहा गया है कि साल 2016 में विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस की लाठी से गणेश जोशी ने घोड़े की टांग पर हमला किया और बाद में घोड़े की मौत हो गयी। इस मामले में 23 अप्रैल 2016 को पुलिस ने गणेश जोशी को आरोपी बनाया और देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा भी दर्ज किया।
इसके बाद 16 मई 2016 को पुलिस ने विवेचनापूर्ण कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। इसी बीच सरकार बदली तो सरकार ने सीजेएम कोर्ट से केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया। 23 सितंबर 2021 को निचली अदालत ने गणेश जोशी को बरी कर दिया और अपीलीय कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना। उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करने के साथ ही गणेश जोशी व अन्य को सजा दिलाए जाने की मांग की है।
गौरतलब हैं कि 14 मार्च 2016 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विरोध में बजट सत्र के दौरान भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा का घेराव किया था। इस दौरान पुलिसकर्मियों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। भाजपा नेता विधायक गणेश जोशी पर पुलिस की लाठी छीनकर हमला करने का आरोप लगा था।
गणेश जोशी के लाठी से हमला करने और बीजेपी नेता प्रमोद वोहरा की ओर से लगाम खींचने से घोड़ा गिर गया और उसकी पिछली टांग की हड्डी टूट गई थी। जिसके बाद शक्तिमान घोड़े की मौत हो गई थी। शक्तिमान घोड़े की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर टांग को काट दिया था और कृत्रिम पैर लगाया था। इसके बाद भी शक्तिमान घोड़े की जान नहीं बच पाई थी।