सूत्र बताते हैं कि राजस्व टीम ने शमशान भूमि से संबंधित खसरा 433 व उससे लगी संपत्तियों की पैमाईश किए जाने के लिए उच्च अधिकारियों का निर्देशन प्राप्त होने के लम्बे समय के बाद जल्द राजस्व की टीम जांच करने के लिए शिकायत स्थल पर पहुंच सकती हैं।
बताते चलें कि जमालपुर कलां स्थित शमशान भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने के संबंध में शिकायत के उपरांत राजस्व अधिकारियों द्वारा जांच शुरू कर कर दी गई हैं। इसी मामले में कनखल के किराना व्यापारी व शमशान भूमि से लगे बाग स्वामियों को भी भूमि स्वामित्व संबंधी अभिलेख दिखाने के लिए तहसील बुलाया जा सकता हैं।
बताते चलें कि पूर्व में राजस्व की टीम ने मामले में जांच की थी। लेकिन इस बीच लेखपाल का स्थानांतरण हो जाने के कारण जांच अधर में लटक गई थी। उस दौरान राजस्व की टीम को किराना व्यापारी व शमशान भूमि से लगे अन्य भूमि स्वामी स्वामित्व संबंधित अभिलेख नहीं दिखा पाए थे। जिसके पश्चात् राजस्व की टीम ने विभागीय उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर न सिर्फ मामले से अवगत कराया था , बल्कि उच्च स्तरीय टीम के नेतृत्व में 433 खसरा सख्या में स्थित शमशान भूमि व उससे सटी भूमियों की जांच कराए जाने की सिफारिश भी की थी ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जमालपुर कलां खसरा संख्या 433 में स्थित शमशान भूमि में शिकायत पर जांच के बाद से अवैध कब्जेदारों में हडकंप मचा हैं। बताया यह भी जा रहा हैं कि शमशान भूमि स्थित खसरे में अगर सही दिशा में जांच हुई तो सालों से अवैध रूप से कब्जा किए लोग भी कार्रवाही की जद में आ सकते हैं। क्योंकि वास्तविकता कागजों में कुछ और स्थिति हैं और मौका स्थल पर कागजों से अधिक भूमि पर कब्जा हैं। इसी के चलते किराना व्यापारी व अन्य भूमि संबंधी अभिलेख दिखाने में आनाकानी कर रहे हैं।