भ्रष्टाचार में संलिप्त एई के खिलाफ समाजिक कार्यकर्ता जेपी बढ़ोनी ने शासन को पत्र लिखकर की थी विजिलेंस से जांच कराए जाने की मांग
हरिद्वार। बीते दिनों समाजिक कार्यकर्ता जेपी बढ़ोनी ने उत्तराखण्ड स्तम्भ समाचार पत्र में भ्रष्ट सहायक अभियंता कार्यशैली को लेकर प्रकाशित लेख की प्रति के साथ उत्तराखण्ड शासन को एक पत्र भेजकर मामले में सतर्कता विभाग से जांच कराए जाने की मांग की थी। जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता जेपी बड़ोनी के पत्र का संज्ञान लेते हुए उत्तराखण्ड शासन के निर्देश पर प्राधिकरण के भ्रष्ट कार्यशैली को लेकर चर्चित अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच मुख्य प्रशासक उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण देहरादून को सौंपी दी हैं।
मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र संख्या-173055/ सचिव/पी0एस0/2023 में प्राधिकरण में तैनात चर्चित सहायक अभियंता की अज्ञात स्त्रोत से एकत्रित की गई आय संपत्ति की जांच के निर्देशों के उपरांत जांच की कार्रवाही उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण अधिकारी के पाले में आ गई हैं। अर्पण कुमार राजू उपसचिव उत्तराखण्ड शासन ने मुख्य प्रशासक उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण देहरादून को प्रेषित पत्र में शासन स्तर से दिशा निर्देश अपेक्षित होने पर शासन को तत्काल अवगत कराने का कथन स्पष्ट रूप से किया हैं। शासन ने अपने निर्देशों में जांच कर कार्रवाही की प्रति शिकायतकर्ता को भी प्रेषित किए जाने के लिए कहा हैं।
बताया जा रहा हैं कि मुख्य सचिव कार्यालय से सहायक अभियंता भ्रष्टाचार संबंधी जांच के आदेशों की जानकारी मिलने के बाद से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एई के बारे में नाम न छापने की शर्त पर विभागीय कर्मियों से जो जानकारी प्राप्त हुई हैं वह खासी अहम हैं। दबी जुबां से विभागीय कर्मियों ने दी जानकारी में बताया हैं कि भ्रष्टाचार आरोपित एई को साहब ने सेक्टर से हटाकर अन्य कार्य सौंपा हैं, आगे कहा कि हाल ही में सेटिंगबाज एई अवकाश पर गया था, अवकाश से वापिस आने के बाद खासा उत्साहित हैं और अवैध निर्माणों में कमाए गए पैसों के बलबूते जांच दबाने की की बात के साथ ही सीट पर जल्द वापसी का दावा कर रहा हैं।
बताते चलें कि इससे पूर्व भी उत्तराखण्ड प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी हरिद्वार को सहायक अभियंता भ्रष्टाचार के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच कर कार्रवाही करने के निर्देश दिए थे। किन्तु सेटिंगबाज एई ने अपने आका से सेटिंग कर मामला रफा-दफा करवाते हुए धामी के आदेशों को भी बौना साबित कर दिया था।
विगत दिनों हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण में तैनात एई के खिलाफ स्थानीय लोगों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया था। इसी दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने प्राधिकरण कार्यालय के बाहर भ्रष्ट सहायक अभियंता का पुतला दहन कार्यक्रम भी किया था। यह मामला खासा सुर्खियों में रहा और इस मामले की खबर शासन के कानों तक भी पहुंची ।
सूत्रों कि मानें तो खुफिया विभाग ने भी शासन को सहायक अभियंता के भ्रष्टाचार संबंधी रिपोर्ट भेजी हैं। बताया जा रहा हैं इस जांच में सहायक अभियंता की भ्रष्ट कार्यशैली का भी जिक्र किया गया हैं। यह भी बताते चलें कि सेक्टर में कार्यरत रहते एई के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक के बाद एक कई आरोप लग चुके हैं। लेकिन नए वीसी के आने से पूर्व समय में कोई कार्रवाही नहीं हुई थी। सहायक अभियंता के भ्रष्टाचार पर सहभागिता से पर्दा डाला जा रहा था।
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सूत्रों का कहना हैं कि अनाधिकृत कालोनियों में सील प्रकरण में मनमानी करते हुए कई फाइलों पर कालोनाइजर से मोटी रकम वसूली गई हैं। यहीं नही ओटीएस के तहत की गई फाइलों की जांच अगर हो जाए तो करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला पकड़ में आ सकता हैं। इससे पूर्व कार्यालय में वीसी रहे आईएएस अधिकारी ने सहायक अभियंता की कार्यशैली को लेकर उत्तराखण्ड शासन को प्राधिकरण से पदमुक्त कर मूल विभाग में भेजें जाने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन मामले को दबाने में सेटिंगबाज एई कामयाब रहा। सहायक अभियंता के तमाम भ्रष्टाचार हैं जिस पर निष्पक्षता से जांच हुई तो भ्रष्ट अधिकारी पर गाज गिरनी तय हैं। हलांकि नवनियुक्त अधिकारी ने पदभार ग्रहण करते ही सहायक अभियंता को सेक्टर से हटाकर अन्य जिम्मेदारी सौंप दी हैं।
बताया जा रहा हैं सहायक अभियंता की कारगुजारियों की जानकारी नए अधिकारी को आते ही मिल गई थी। जिसके बाद साहब ने सहायक अभियंता को क्षेत्र से हटाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त एक्शन लिया हैं। फिलहाल, नए साहब की कार्रवाही के बाद सहायक अभियंता की अवैध वसूली की दुकान के शटर गिर गए हैं।