कांग्रेसी नेता व पूर्व सभासद पर रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि खुर्द-बुर्द करने का आरोप , निदेशक ने दिए स्थलीय जांच के निर्देश

हरिद्वार

कांग्रेसी नेता व पूर्व सभासद पर रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि खुर्द-बुर्द करने का आरोप , निदेशक ने दिए स्थलीय जांच के निर्देश

कांग्रेसी नेता व पूर्व नगर पालिका सभासद पर रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि खुर्द-बुर्द कर भवन निर्माण कराने का आरोप लगा हैं। जिसके बाद राजाजी टाईगर रिजर्व के निदेशक ने वन्य जीव प्रतिपालक हरिद्वार को नगर निगम अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से स्थलीय जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।

ताजा मामला बिल्वकेश्वर बायपास स्थित कालोनी का हैं। यह कालोनी रिजर्व फॉरेस्ट से सटी हुई हैं और चंद कदमों की दूरी पर ही रिजर्व फॉरेस्ट का कार्यालय भी हैं।

जानकारी के मुताबिक मोती बाजार निवासी शिकायतकर्ता ने मार्च माह में राजाजी टाईगर रिजर्व निदेशक, देहरादून को पत्र लिखकर नगर पालिका के पूर्व कांग्रेसी सभासद पर पार्क की भूमि को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने निदेशक को भेजी शिकायती पत्र में वरिष्ठ कांगेसी नेता व पूर्व सभासद द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि का गलत तरीके से क्रय किए जाने का आरोप लगाया हैं। जिसके बाद निदेशक राजाजी टाईगर रिजर्व , देहरादून ने वन्य जीव प्रतिपालक हरिद्वार को टाइगर रिजर्व की भूमि को खुर्द-बुर्द किए जाने के मामले में नगर निगम अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से स्थलीय जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।

तदोपरांत वन्य जीव प्रतिपालक राजाजी टाईगर रिजर्व हरिद्वार ने नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार को प्रकरण संबंधी जानकारी देते हुए निर्धारित दिनांक-20.07.2023 को स्थलीय जांच हेतु नगर निगम के अधिकारियों या कर्मचारियों की उपस्थिति में रिजर्व फॉरेस्ट भूमि की स्थलीय जांच किए जाने के लिए सहयोग मांगा हैं। नगर आयुक्त को प्रेषित पत्र में वन्य जीव प्रतिपालक ने नगर निगम के कर्मचारियों की उपस्थिति के दौरान कालोनी का नक्शा, अनापत्ति प्रमाण पत्र व भूमि संबंधित अभिलेख भी स्थलीय जांच में शामिल किए जाने का जिक्र भी स्पष्ट तौर पर किया हैं।

रिजर्व फॉरेर्स्ट की भूमि खुर्द-बुर्द किए जाने के मामले में बृहस्पतिवार को जांच होनी हैं। वन्य जीव प्रतिपालक ने स्थलीय जांच किए जाने संबंधी पत्र की प्रति पूर्व सभासद व शिकायतकर्ता को भी प्रेषित की हैं। मामले में स्थलीय जांच होन की जानकारी मिलने के बाद से कांग्रेसी नेता व पूर्व सभासद के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई हैं।

बताया जा रहा हैं कि कांग्रेसी नेता व पूर्व सभासद शिकायतकर्ता पर संबंधित प्रकरण की शिकायत वापस लेने के लिए लगातार दबाव बनवा रहा हैं।

बताते चलें कि पूर्व सभासद का यह पहला मामला नहीं हैं इससे पूर्व भी ऐसे कई मामले हैं, जिनमें पूर्व सभासद पर चण्डी मंदिर के समीप वन भूमि पर अवैध कब्जा करने व अपर रोड़ स्थित धर्मशाला की दुकाने के मामले सहित रामघाट स्थित धार्मिक संपत्ति खुर्द-बुर्द करने के आरोप लग चुकें हैं।

इतना ही नहीं पास ही रिजर्व फॉरेस्ट कार्यालय होने के बावजूद पार्क की भूमि पर पिछले कई महीनों से मौका स्थल पर भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि विपक्षीगणों की पहुंच उच्च रसूख वालों से होने के कारण अतिक्रमण पर अधिकारी पर्दा डाले हुए हैं।

फिलहाल, शिकायतकर्ता ने रिजर्व फॉरेस्ट भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी। जिस पर निदेशक के आदेशों के बाद स्थलीय जांच की कार्रवाही बृहस्पतिवार को सुबह तय मानी जा रही हैं।

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