
सीबीआई कोर्ट से विधायक दोषी करार
मारपीट और झूठे साक्ष्य गढ़ने का हैं आरोप
हरिद्वार । सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के लिए बुरी खबर आई हैं। भाजपा पार्टी के रानीपुर विधायक आदेश चौहान से जुड़ी हैं। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मारपीट और झूठे साक्ष्य गढ़ने के आरोप में रानीपुर विधायक आदेश चौहान को छ: माह की सजा सुनाई हैं।
जिसके बाद सियासी गलियारों में भी इस मामले की चर्चा तेज हो गई हैं। विपक्षी नेताओं ने सीबीआई कोर्ट के निर्णय उपरांत इसे न्याय की जीत बताते हुए , सत्ता के दुरूपयोग करने वालों की हार होना बताया हैं।
जानकारी के मुताबिक विधायक आदेश चौहान एवं उनकी भांजी व तीन पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है। सीबीआई कोर्ट ने विधायक और उनकी भतीजी को छ : माह एवं दोषी पुलिस कर्मियों को एक- एक साल के कारावास की सजा सुनाई हैं। जिसमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल होने की बात सामने आई हैं। जिसमें से एक पुलिसकर्मी की मौत होना बताया जा रहा हैं।
वर्ष 2009 में गंगनहर कोतवाली में आदेश चौहान की भांजी ने अपने पति एवं सुसराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मारपीट और झूठे साक्ष्य गढ़ने के आरोप में विधायक आदेश चौहान और उनकी भांजी को स्पेशल सीबीआई मजिस्ट्रेट ने ६ माह के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीन पुलिसकर्मियों एवं एक अन्य को भी सजा हुई है। तीनों पर व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने एवं झूठे साक्ष्य गढ़कर जेल भेजने का आरोप है।
मामला उच्च न्यायालय तक गया था ,हाई कोर्ट के आदेश पश्चात ही मामले में सीबीआई ने जांच की थी। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वर्ष 2019 में सीबीआई को जांच सौंपी। जांच के दौरान सीबीआई ने न सिर्फ पीड़ित के बयान दर्ज किए, बल्कि पुलिस रिकॉर्ड, मेडिकल रिपोर्ट और घटनास्थल से जुड़ी तकनीकी साक्ष्यों का भी गहराई से परीक्षण किया।
करीब चार साल तक चली मामले की जांच और अदालती कार्यवाही के उपरांत आखिरकार 26 मई 2025 को सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया हैं। सीबीआई कोर्ट ने माना कि पुलिस हिरासत में की गई मारपीट सुनियोजित थी और इसमें विधायक की भूमिका काफी अहम थी। गंगनहर कोतवाली में आदेश चौहान की भतीजी ने पति एवं सुसराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जांच में पाया गया कि आरोप झूठे थे।
सूत्र बता रहे हैं प्रदेश एवं शीर्ष नेतृत्व से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं। सीबीआई कोर्ट से भाजपा विधायक के खिलाफ कारावास की सजा की सुनाई है। जिसके उपरांत संभावना जताई जा रही हैं कि पार्टी जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय ले सकती हैं, हालांकि मामला पारिवारिक है , लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद से राजनीतिक उठा-पटक में पार्टी की फजीहत से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
वहीं सूत्र बता रहें हैं कि खबर के बाद से सीबीआई कोर्ट से दोषी करार विधायक अपने अधिवक्ताओं के संपर्क में हैं और सीबीआई कोर्ट में हुए फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी में हैं।