1.लोक सूचना अधिकारी के प्रतिनिधि ने किसी अन्य को सूचना दिए जाने की बात कहकर किया गुमराह
2. आयोग ने सिंचाई खण्ड हरिद्वार की अधीशासी अभियंता एवं लोक सूचना अधिकारी के प्रतिनिधि को लगाई फटकार
3.बैरागी कैंप कनखल स्थित सिंचाई विभाग की भूमि से नगर निगम अधिकारी और निवर्तमान पार्षद की मिलीभगत के चलते काटे गए थे हरे पेड़
हरिद्वार। बैरागी कैंप में अवैध तरीके से हरे पेड़ों का पातन कराने के मामले में मांगी गई सूचना में विलम्ब किए जाने पर सूचना आयोग ने सिंचाई खण्ड हरिद्वार के लोक सूचना अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया हैं। साथ ही उनके प्रतिनिधि सहायक अभियंता को फटकार लगाते हुए सूचना उपलब्ध करवाई गई सूचना का साक्ष्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया हैं।
बताते चलें कि कनखल बैरागी कैंप स्थित कुंभ मेला लैण्ड यूपी सिंचाई विभाग के स्वामित्व की संपत्ति हैं। विगत महीनों पूर्व नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त ने बैरागी कैंप कुंभ मेला भूमि को अपना स्वामित्व वाली भूमि पर निवर्तमान पार्षद के साथ सांठ-गांठ करके दो हरे पेड़ों का पातन अवैध रूप से करा दिया था। इसी संबंध में कुछ बिन्दुओं पर सिंचाई खण्ड हरिद्वार से सूचना मांगी गई थी।
मामले में कनखल निवासी आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना का अधिकार के तहत सिंचाई विभाग खण्ड हरिद्वार से सूचना मांगी थी। सूचना नहीं मिलने पर आवेदनकर्ता ने विभागीय अपीलीय अधिकारी एवं अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्यमण्डल हरिद्वार के समक्ष अपील की थी। प्रथम अधिकारी ने मामले की सुनवाई करते हुए सिंचाई खण्ड हरिद्वार की लोक सूचना अधिकारी एवं अधिशासी अभियंता मंजू के प्रतिनिधि लोकेश कुमार वशिष्ठ सहायक अभियंता हरिद्वार को अपीलार्थी को 15 दिवस के अंतर्गत सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन विभागीय अपीलीय अधिकारी एवं अधीक्षण अभियंता के निर्देशों का दर किनार करते हुए अपीलार्थी को वांछित सूचना उपलब्ध नहीं कराई ।
जिसके पश्चात अपीलार्थी ने उत्तराखण्ड राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की थी।
द्वितीय अपील में लोक सूचना अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे सहायक अभियंता लोकेश कुमार वशिष्ठ ने आयोग को ही यह कह कर गुमराह करना शुरू कर दिया कि सूचना अपीलार्थी के कोई प्रतिनिधि आए थे उन्हें दे दी गई हैं, का कथन किया गया। इस पर आयोग ने उनसे पूछा कि इसका कोई प्रमाण उनके पास हैं ? अपीलार्थी ने भी आयोग से कहा इनसे (सहायक अभियंता लोकेश कुमार वशिष्ठ) यह भी पूछे कि अपीलार्थी का प्रतिनिधियों को जारी किया गया अधिकार पत्र हैं विभाग के पास तो इस पर सहायक अभियंता बगले झांकते नजर आए। आयोग ने लोक सूचना अधिकार सिंचाई खण्ड हरिद्वार के प्रतिनिधि द्वारा सूचना से इतर इधर-उधर की बात किए जाने व लोक संपत्ति क्षति निवारण एक्ट की जानकारी न होने पर जमकर फटकार लगाई और सुनवाई की आगामी तिथि पर आयोग से समक्ष किए गए कथन के अनुसार साक्ष्य उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
कमाल देखिए सिंचाई खण्ड हरिद्वार लोक सूचना अधिकारी का सूचना में कथन किया जा रहा हैं कि कार्यवाही गतिमान हैं और कार्यवाही गतिमान का कोई साक्ष, कोई अभिलेख विभाग की ओर से अपीलार्थी को उपलब्ध करवा नहीं गया।
मामले में हुई सुनवाई पर सूचना आयुक्त ने लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्रेषित सूचना का अवलोकन किए जाने के पश्चात् अपीलार्थी को दी गई सूचना सिंचाई खण्ड हरिद्वार के लोक सूचना अधिकारी मंजू द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों तथा विभागीय अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना किया जाना माना हैं। जिस हेतु आयोग द्वारा लोक सूचना अधिकारी श्रीमति मंजू अधिशासी अभियंता सिंचाई खण्ड हरिद्वार को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 20(1) के तहत कारण बताओं नोटिस जारी किया जाता हैं कि अपीलार्थी की सूचना में बाधा पहुचाने हेतु क्यों न उन पर रूपए 250/ प्रतिदिन की दर से अधिकतम पच्चीस हजार रूपए 25000/की शास्ति अधिरोपित कर दी जाए ? इसके लिए उनसे आयोग ने लिखित स्पष्टीकरण दिए जाने के आदेश पारित किए हैं।
इसके साथ ही आयोग ने सिंचाई विभाग के लोक सूचना हरिद्वार को सुनवाई की अगली तिथि से पूर्व आयोग को लिखित में अपना स्पष्टीकरण तथा आदेश प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर अपीलार्थी को वांछित सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।