वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष व दरगाह प्रबंधक सूफी को बनाए सरकार , राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन ने की मांग

हरिद्वार

वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष व दरगाह प्रबंधक सूफी को बनाए सरकार , राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन ने की मांग

 हरिद्वार। राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन ने सूफी परम्परा को मानने वालों को वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व दरगाह प्रबंधक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन किए जाने को लेकर केन्द्र व प्रदेश सरकार से मांग की हैं। राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मीडिया में विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी साझा की हैं।

आरएसएफ के अध्यक्ष नौशाद अली ने कहा कि सभी सरकारों ने सूफी मुसलमानों के साथ बड़ा विस्वास घात करने का ही काम किया है । एक तरफ बड़े- बड़े नेता सूफीयों को खुश करने और अपना नाम चमकाने के लिए दरगाह पर चादर चढ़ाने का काम लगातार करते रहते है । लेकिन देश और प्रदेश में अगर सूफी मुसलमानों की हिस्सेदारी की बात को लेकर चर्चा करे तो आपको ढूंढने से भी कोई सूफी नही मिलेगा। जबसे देश आजाद हुआ है तब से सूफी मुसलमानों को सरकारों द्वारा कुछ भी नही दिया गया है। अबतक वक्फ बोर्ड के ज्यादातर अध्यक्ष जो सरकारों द्वारा बनाए गए है, वो सूफी परम्परा को मानने वाले नही निकलेंगे वो सूफ़ियत को नही बल्कि मौलवीयत को मानने वाले निकलेंगे । आरएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नौशाद अली का कहना हैं कि सरकार साबिर पाक की दरगाह के इंचार्ज यानी दरगाह प्रबन्धक जैसे पद पर तो कमसे कम सूफी परम्परा को मानने वाले मुसलमानों का हक बनता है । लेकिन दरगाह प्रबन्धक भी ज्यादातर सूफी परम्परा के मानने वालो को नही, बल्कि मौलवीयत को मानने वाले मुस्लिमों को ही बनाने का काम किया गया है और वर्तमान में भी किया जा रहा है ।

नौशाद का कहना हैं कि एक तरफ तो माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी सूफ़ियत को लेकर गम्भीर नज़र आते है । मनकी बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ये कहा गया कि सूफ़ियत ही इस्लाम की असली पहचान है और अब हाल ही में भारतीय जनता पार्टी द्वारा देशभर में सूफी संवाद महाअभियान चलाया जा रहा है । लेकिन इसके बावजूद भी सूफी परम्परा को मानने वाले मुसलमानों को सरकार में कोई भी हिस्सेदारी नही दी जाती है । उन्होंन कहा कि अब सूफी मुसलमानों का हक़ सरकारों को देना पड़ेगा हमारा संगठन सूफियों की हकतल्फ़ी और किसी के भी द्वारा अगर सूफियों का शोषण करने की बात सामने आई तो हमारा संगठन उसके खिलाफ मोर्चा खोलने का काम करेगा। आगे कहा कि हमारा संगठन राष्ट्रीय सूफीसंत फाउंडेशन जल्द ही सूफी मुसलमानों में एक जनजागरूकता अभियान चलाकर उनको उनका हक दिलवाने की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है वही जब तक सूफी मुसलमानों को उनका हक नही मिल जाता तब तक संगठन उनके हक के लिए आवाज को उठाने का काम करता रहेगा।

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