उत्तराखंड की धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक विधानसभा में पारित कराने के बाद इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। जिस पर अब राज्यपाल गुरमीत सिंह ने इस विधेयक को विधायी विभाग के माध्यम से राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू को भेज दिया है। ऐसे में अब उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू होने से चंद कदम दूर है। राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड में यह कानून लागू हो जाएगा।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के साथ ही धामी सरकार पहल पर अन्य राज्य भी इस ओर कदम बढ़ा सकते हैं। बीते दिनों विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान धामी सरकार ने इस विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखकर पास करवाया था। समान नागरिक संहिता लागू होते ही उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बन जाएगा । जहां समान नागरिक संहिता लागू होगा।
प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति इस कानून को मंजूरी दे देंगी। जिसके बाद इसे उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा। वहीं, बीजेपी उत्तराखंड के साथ-साथ देश के तमाम राज्यों में इस विधेयक का प्रचार प्रसार कर चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने का काम करेगी। जिसका लोकसभा चुनावों में पार्टी को लाभ भी मिलना तय हैं।
बताते चलें कि विधानसभा चुनाव -2022 के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लागू करने की बात कही थी। सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला लिया गया। यूसीसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट यानी उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। समिति ने जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन किया। जिसके बाद यूसीसी के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया। 6 फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता को पास कर दिया गया।