ट्रस्ट की संपत्ति पर अनाधिकृत निर्माणाधीन आवासीय इकाईयां हुई सील, राजस्व कर्मी सांठ-गांठ से सार्वजनिक संपत्ति को निजी बताने में जुटे

हरिद्वार

हरिद्वार। शनिवार को कनखल कृष्णा नगर सिहंद्वार मध्य स्थित हरे राम आश्रम ट्रस्ट की संपत्ति पर निर्माणाधीन अनाधिकृत अट्टालिकाओं पर सील के बावजूद चल रहे अवैध निर्माण पर हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण ने सील की कारवाही की हैं।

हरे राम आश्रम ट्रस्ट पर बन रहे हाईलैंड प्रोजेक्ट पर मानचित्र विपरीत बन रही बहुमंजिला ईमारत को 01 नवंबर 2023 को हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण ,हरिद्वार द्वारा सील की कारवाई की गई थी। परन्तु बिल्डर ने अपनी हनक दिखाते हुए नियम व कानून को ताक पर रख सील बिल्डिंग का संबंधित विभाग से बिना मानचित्र शमन कराए ही अनाधिकृत निर्माण कार्य मौके पर जारी रखा हुआ था। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण के अनाधिकृत निर्माण कार्य रोके जाने के नोटिस एवं अधिकारियों द्वारा बिल्डर को निर्माण बंद किए जाने की हिदायत देने के उपरांत भी मौके पर अनाधिकृत निर्माण कार्य बेधड़क चल रहा था। जिसकी लगातार शिकायतें प्राधिकरण के अधिकारियों को मिल रही थी।

जानकारी के मुताबिक हरे राम आश्रम में सार्वजनिक एवं धार्मिक ट्रस्ट संपत्ति पर बन रही अनाधिकृत बहुमंजिला भवन निर्माण की शिकायत के तदोपरांत हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण अधिकारियों के निर्देश के बाद शनिवार देर शाम विभागीय सहायक अभियंता और कर्मियों की टीम मौका स्थल पर पहुंची और धर्मार्थ संपत्ति पर चल रहे अवैध निर्माण पर सील लगाने की कारवाही की ।

हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन अनाधिकृत आवासीय इकाईयों पर सील की कारवाही के बाद से जिन ग्राहकों द्वारा हाईलैण्ड ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट बुकिंग कराई हैं उन ग्राहकों में अब खासी बैचेनी बढ़ी हुई हैं।

बताते हैं कि बिना जिला जज की अनुमति के हरे राम आश्रम धामिक ट्रस्ट की संपत्ति पर बन रही अनाधिकृत बहुमंजिला ईमारत की शिकायत शासन तक पहुंची हैं। जिस पर शासन ने उपाध्यक्ष एचआरडीए को मामले में जांच कर आवश्यक कारवाही के निर्देश जारी किए हुए। इसी मामले में उपाध्यक्ष एचआरडीए ने जांच समिति गठित की हुई हैं इस समिति में प्राधिकरण अधिकारी व कर्मी सहित राजस्व विभाग भी शामिल हैं।

लेकिन इस पूरे मामले में सूत्रों कि मानें तो राजस्व विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मी बिल्डर के साथ सांठ-गांठ कर धार्मिक ट्रस्ट संपत्ति से जुड़े अभिलेखों को दरकिनार करते हुए संत के पक्ष में संत की निजी संपत्ति की रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं। जबकि संपत्ति संबंधित रिपोर्ट तैयार करने में लगे राजस्व कर्मियों को ट्रस्ट की संपत्ति होने की सारी सच्चाई मालूमात हैं बावजूद उसके मोटा चढ़ावा मिलने के लालचवश राजस्व कर्मी धर्म की संपत्ति पर अधर्म करने में जुटे हैं।

इससे पूर्व जांच कर रहे राजस्व कर्मी भूव्यवसाईयों से सांठ-गांठ कर जमीनी संबंधी मामलों में मोटा लेन-देन कर उनके पक्ष में रिपोर्ट इधर से उधर करने के मामलों में खासे चर्चित रहे हैं।

संपत्ति अभिलेखों के अनुसार अगर बात की जाए तो हरे राम आश्रम ट्रस्ट की यह भूमि धर्मार्थ ट्रस्ट की संपत्ति है और बिना जिला जज की अनुमति के ट्रस्ट की भूमि का एग्रीमेंट 2021 में बिल्डर सुनील कुमार अग्रवाल के साथ हरे राम आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक महामण्डलेश्वर कपिल मुनि महाराज ने अपने निजी स्वार्थ हित साधने के लिए कर दिया। जोकि विधि अनुसार शून्य है। इसी संपत्ति संबंधित माननीय जिला जज न्यायालय हरिद्वार में भी सिविल वाद योजित है और यह संपत्ति अभिलेखों के दृष्टिगत संत की निजी संपत्ति कतई नहीं है। अभिलेखों के आधार पर यह संपत्ति गुरु शिष्य परंपरा के तहत संत कपिल मुनि महाराज के पास उत्तराधिकार के तौर पर आई है।

इतना ही नहीं एचआरडीए के मानचित्र स्वीकृति में किसी संपत्ति के विवादित होने की स्थिति में मानचित्र स्वतः निरस्त माना जाता हैं नियम का स्पष्ट उलेंख हैं और यहां संपत्ति का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से मानचित्र स्वतः निरस्त होने का नियम स्वयं लागू हो जाता हैं।

कृष्णानगर सिंहद्वार के मध्य हरे राम आश्रम ट्रस्ट की धार्मिक संपत्ति पर बन रही अट्टालिकाओं का क्रय विक्रय बिना जिला जज की अनुमति के नहीं किया जा सकता है ।हरे राम आश्रम धार्मिक ट्रस्ट की संपत्ति के मामले में उत्तर प्रदेश के समय माननीय न्यायालय सहारनपुर हरिद्वार में चले वाद संख्या -5/87 एवं 4/92 में कोर्ट के ट्रस्ट संपत्ति होने के स्पष्ट आदेश है। सुनील कुमार अग्रवाल और कपिल मुनि महाराज दोनों मिलीभगत कर माननीय न्यायालयों एवं ट्रस्ट संबंधी आदेशों व अभिलेखों के विरूद्ध धार्मिक एवं सार्वजनिक ट्रस्ट को खुर्द-बुर्द करने के प्रयास में लगे हैं।

नाम न छापने की शर्त पर हरे राम आश्रम ट्रस्ट की संपत्ति पर हाईलैंड पार्क प्रोजेक्ट पर एक फ्लैट बुकिंग कराने वाले ग्राहक द्वारा बताया गया कि महामण्डलेश्वर कपिल मुनि महाराज और बिल्डर सुनील कुमार अग्रवाल द्वारा हरे राम आश्रम ट्रस्ट संपत्ति पर बन रहे आवासीय इकाईयों में फ्लैट बुकिंग करने वालों ग्राहकों को फ्लैट की रजिस्ट्री किए जाने का भरोसा दिलाया गया हैं और उसी आधार उसने फ्लैट बुंकिग कराई हैं। सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्ति पर बन रही फ्लैटों की बुकिंग के लिए तथ्यहीन आधारित बातों और दावों के तहत ट्रस्ट की संपत्ति को निजी होने की बात बताई जा रही हैं।

कहा जाता हैं कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती हैं और यह प्रमाण स्वयं महामण्डलेश्वर कपिल मुनि ने तत्कालीन नगर पालिका हरिद्वार मेेेेेेेेेेेेेेेेेें दिनांक 12.0290 को जलकर गृहकर खाता संख्या-20 दादूबाग कनखल हरे राम आश्रम ट्रस्ट में नाम परिवर्तन के लिए दिए गए हस्ताक्षर युक्त पत्र प्रस्तुत किया है। महामण्डलेश्वर कपिल मुनि द्वारा नगर पालिका समिति को दिए गए उत्तराधिकार पत्र में स्पष्ट उल्लेंख हैं कि अखाड़े के संतो और ट्रस्टियान ने 17.08.87 को कपिल मुनि के गुरू सुखदेव मुनि के सत्रवीं भण्डारा आयोजन पर चादरपोशी कर हरे राम आश्रम ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया था।

फिलहाल , हरे राम आश्रम की सार्वजनिक संपत्ति पर भाजपा पार्षद एवं बिल्डर सुनील कुमार अग्रवाल द्वारा अनाधिकृत तरीके से बनाए जा रहे हाईलैंड पार्क ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट पर विकास प्राधिकरण ने सील लगा दी हैं । साथ ही धार्मिक संपत्ति को खुर्द-बुर्द किए जाने के मामले का वाद निचली अदालत एवं ऊपरी अदालत में विचाराधीन हैं।

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