अनिल कुमार बिष्ट/हरिद्वार। हरिद्वार जिले में माफिया कई सालों से नदी नालों की जमीनों को पाटकर अवैध कब्जे कर निर्माण कराने में लगे हैं, लेकिन प्रशासन अब तक इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। प्रशासन कार्रवाही करने के स्थान पर इनके आगे नतमस्तक नजर आ रहा हैं।
हालात यह हैं कि कांगड़ी में डूब क्षेत्र में गंगा किनारे बड़े पैमाने भूमाफिया सक्रिय हैं। इतना ही नहीं भूमाफिया ने गंगा प्रवाह होने वाले स्थान को भी नहीं बख्शा हैं वहां कंकरीट की दिवारे बनाकर अवैध रूप से प्लाटिंग कर धड़ल्ले से प्लाट बिक्री करने में लगा हैं। जबकि नियमानुसार जल मग्न भूमि पर किसी भी तरह का आनुवांशिक अधिकार प्राप्त नहीं होता हैं और न ही जलमग्न भूमि पर किसी प्रकार कोई निर्माण किया जा सकता हैं।
सूत्रों के हवाले से अभी कुछ माह पूर्व की एक ऐसी ही फोटो कांगड़ी क्षेत्र की प्राप्त हुई हैं। जिसमें कंकरीट और जेसीबी की मदद से गंगा नदी के प्रवाह वाले स्थान को भूमाफिया द्वार कब्जाया जाना सामने आया हैं। माफिया नदी की ओर विस्तार कर रहा है, लेकिन अधिकारी कार्रवाई को लेकर उदासीन बने हैं। खास यह है कि बाढ़ आपदा की दृष्टि से यह क्षेत्र संवेदनशील है, लेकिन नदी के किनारे अनाधिकृत कब्जा कर प्लाटिंग करने वालों का इसकी कोई परवाह नहीं है। नदी के बीच की जमीनें भी रिहायशी क्षेत्र में बदल रही हैं, जबकि हर साल मानसून सीजन में इस क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर जल प्लावित हो जाता है। नदी की जमीन पर कोई कब्जा करके खेती कर रहा है तो किसी ने बिल्डिंग बना ली है।
इधर कनखल के बैरागी कैंप कुंभ मेला आरक्षित भूमि जोकि गंगा नदी की तलहटी में बसी हैं। इस क्षेत्र की हालात पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं हैं। कुंभ मेला भूमि क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण के कारण इसका दायरा सिकुड़ रहा हैं।
ऐसा ही नजारा बहादराबाद क्षेत्र का हैं जहां बरसाती नाले को माफिया मलबा डालकर पाटने में लगा हैं। इस रौ पर रिंग रोड़ के लिए एक पुल निर्माणाधीन हैं। मगर नदी नालों को माफियाओं द्वारा पाटे जाने के बावजूद अफसर खामोशी से सब देख रहे हैं।