1- अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर विभागीय अधिकारी भी मामले से कर लेते हैं इतिश्री
हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार के संपत्ति विभाग से पत्रावलियां गायब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। उधर नगर निगम के अधिकारी भी मामले में अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ले रहे हैं। जबकि पत्रावली किस पटल से गायब हुई हैं उसकी जानकारी नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों को भी हैं। लेकिन पूरे मामले में सहभागिता से पर्दा डाल जा रहा हैं। यह पहली मर्तबा नहीं हैं इससे पूर्व भी इस तरह के कई मामले नगर निगम में घट चुकें हैं। बावजूद उसके निगम अधिकारियों की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही हैं।
ताजा मामला ग्राम रोहालकी दयालपुर भगवानपुर निवासी विवेक कुमार ने सूचना का अधिकार के तहत 13 अप्रैल 2022 को नगर निगम के संपत्ति अनुभाग को दिए गए शिकायती पत्र पर जानकारी मांगी थी। संपत्ति विभाग से जो जानकारी दी गई थी उसमें कथन किया गया था कि पत्रावली में नगर पालिका परिषद हरिद्वार से संबंधित 24 फरवरी 2003 का पत्र खोजबीन के बाद भी नहीं मिल पाया हैं।
पत्र तो छोड़िए नगर निगम के रिकॉर्ड रूम में डिस्पैच रजिस्टर की खोजबीन करने पर डाक रजिस्टर भी नहीं मिला।
इसी मामले में विवेक ने राज्य सूचना आयुक्त देहरादून में द्वितीय अपील की थी । जिसकी सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने रिपोर्ट मांगी थी, तब फाइल गायब होने का खुलासा हुआ। राज्य सूचना आयुक्त ने 23 मई 2023 को नगर आयुक्त को प्रकरण में पत्रावली खोने की एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे।
बताया जा रहा हैं कि निगम की तीन सदस्यीय जांच समिति ने भी पत्रावली गायब होने की जांच की थी, लेकिन जांच में कौन दोषी है ये स्पष्ट नहीं हो पाया।
फिलहाल, मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब कोतवाली पुलिस मामले में आगे की जांच करेगी।