हरिद्वार। भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन प्रभाव मूल्यांकन प्रभाग ने श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत के द्वारा हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्र बिशनपुर कुंडी में खनन माफियाओं द्वारा दिन रात गंगा नदी व गंगा नदी के आस-पास के क्षेत्रों अंधाधुध अवैध खनन की शिकायत पर खनन निदेशक देहरादून को तत्काल कारवाही करने और प्रकरण संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि विगत दिनों पूर्व श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगत राम ने बिशनपुर कुंडी में खनन माफियाओं द्वारा गंगा व गंगा के आस-पास के क्षेत्रों में किए जा रहे अवैध खनन के कारण पर्यावरण क्षति व गंगा को प्रदूषित किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को कार्रवाही के लिए पत्र लिखा था। अखाड़े के संत इससे पूर्व जिला प्रशासनिक अधिकारियों बिशनपुर कुंडी में गंगा नदी में चल रहे अवैध खनन की शिकायत कर चुके हैं परन्तु खनन माफियाओं पर प्रशासनिक अधिकारी अंकुश लगाने से कतराते रहे हैं। मामले का संज्ञान लेते हुए भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन प्रभाव मूल्यांकन प्रभाग ने खनन निदेशक देहरादून को तत्काल कारवाही करने और प्रकरण संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा हैं कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक्शन के बाद बीते कुछ दिनों से बिशनपुर कुंडी में गंगा नदी में चला रहा अवैध खनन बंद हैं।
बिशनपुर कुंडी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर उड़ा रहे हैं पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण मानकों की धज्जियां
बिशनपुर कुंडी क्षेत्र में संचालित हो रहे स्टोन क्रेशर प्रदूषण मानकों की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में स्थापित स्टोन क्रेशर संचालक उत्तराखण्ड अनुज्ञा नीति को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। नियमानुसार न तो कुछ एक में चारदिवारी हैं और न ही न्यूनतम तीन परतों में सघन हरित पट्टी हैं। यही नही इन स्टोन क्रेशरों पर पानी के नियमित छिड़काव जिससे कि धूल हवा में न उड़े उसकी कोई व्यवस्था हैं और न ही फव्वारे की व्यवस्था। इसके बावजूद उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यवाही के स्थान पर आंखे मूंदे बैठा हैं।