राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संतों की अहम भूमिका-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार

शनिवार को निरंजनी अखाड़े के महंत दर्शन भारती महाराज ने चरण पादुका मंदिर पहुंचकर अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से भेंटवार्ता की।

महंत दर्शन भारती महाराज का स्वागत करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता कायम रखने में सतों की अहम भूमिका रही है। महंत दर्शन भारती महाराज ने धर्म प्रचार प्रसार के साथ उत्तराखंड राज्य निर्माण में भी अहम भूमिका निभायी। संत का पूरा जीवन हमेशा देश व समाज के लिए समर्पित होता है। महंत दर्शन भारती महाराज ने अपने लिए कभी कोई इच्छा नहीं रखी। महंत दर्शन भारती का पूरा संघर्ष उत्तराखंड व देश के लिए केंद्रित रहा है। सावन में भगवान शिव की आराधना के महत्व से अवगत कराते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव हरिद्वार में वास कर सृष्टि का संचालन करते हैं। प्रत्येक सनातनी भगवान शंकर की पूजा उपासना करता है। अपने अपने सार्मथ्य के अनुसार भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। किसी भी प्रकार से भगवान शंकर का अभिषेक किया जाए। अभिषेक से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं और कष्टों को दूर करते हैं।

महंत दर्शन भारती महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परमार्थ को समर्पित रहता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज सेवा कार्यो से मानव उत्थान में अहम योगदान कर रहे हैं। कोरोना काल में जरूरतमंदों की सेवा में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। प्रतिवर्ष कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन कर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज शिवभक्तों की सेवा के साथ प्रशासन का भी सहयोग करते हैं। उनके द्वारा नशा पीड़ितों को गोद लेकर उनका इलाज कराने का संकल्प सभी के लिए अनुकरणीय है। सभी को नशे के अभिशाप से समाज को मुक्त कराने में श्रीमहंत रविंद्रुपुरी महाराज का सहयोग करना चाहिए।

निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी व स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि महंत दर्शन भारती महाराज हिंदू हितों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता एवं गरिमा बनाए रखने के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ युवा पीढ़ी को पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर सनानत धर्म संस्कृति को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। महंत दर्शन भारती महाराज के प्रयासों से बड़ी संख्या में पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर पुनः सनातन परंपरांओं से जुड़ रहे हैं।

इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामरतन गिरी, पूर्व मंत्री डीएस रावत, साध्वी रश्मि जुयाल, डा0विशाल गर्ग आदि मौजूद रहे।

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