1-मामले में एसडीएम ने सीओ लक्सर को सौंपी जांच,
2-मुख्यमंत्री , मानवाधिकार और महिला आयोग ने एसएसपी को दिए जांचकर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश
हरिद्वार। पॉक्सो के तहत दर्ज हुए मुकदमे में आरोपी के दबाव के चलते 4 दिन बाद मारपीट के मुकदमें में पथरी पुलिस की गले की फांस बनती दिख रही हैं। पॉक्सो एक्ट में दर्ज मुकदमा वापसी का दबाव बनाने के चलते आरोपी की तरफ से पीड़ित के खिलाफ एक मारपीट का मुकदमा दर्ज करने का आरोप पथरी पुलिस पर लगा हैं। मामला जटबहादरपुर गांव से जुड़ा हैं। जहां अरविन्द व पुष्पेन्द्र पर पड़ोस में रहने वाली किशोरी के घर में घुसकर गाली गलौज करने व अश्लील हरकत करने का आरोप लगा था। आरोपी द्वारा घर में घुसकर गाली गालौज करने का वीडियो भी पीड़ित ने बनाया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन मामले में आरोपी के पैरोकारों के प्रभाव के कारण कार्रवाई पर सुस्त पड़ गई और आरोपी की तहरीर पर पीड़ित परिवार के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कर दिया।
सूत्रों कि मानें और जो पीड़ित का आरोप हैं यदि उसको देखा जाए तो पीड़ित दंपति के खिलाफ आरोपी द्वारा किया गया मुकदमा पूरी तरह से फर्जी दिखाई पड़ता हैं। थाना स्तर से कार्रवाई न होती देख पीड़ित परिवार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी और आरोपी के खिलाफ कार्रवाही किए जाने की गुहार लगाई। मामले में एसएसपी की सख्ती के बाद खानापूर्ति के लिए पथरी मित्र पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 151 के तहत शांतिभंग में कार्रवाही कर मामला चलता कर दिया। पथरी पुलिस का कारनामा यहीं नहीं रूका उसने उप जिलाधिकारी कोर्ट में 151 में आरोपी को पेश किए जाने के बाद एसडीएम कोर्ट में अपराध संख्या भी गलत डाल दी और आरोपी के खिलाफ पॉक्सों में दर्ज मामला न दिखाकर नाली को लेकर विवाद में तब्दील कर दिया। बात यही खत्म नहीं हो जाती इससे भी एक कदम आगे मित्र पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला पॉक्सो में पंजीकृत होने के बाद भी एफआईआर की प्रतिलिपि एसडीएम कोर्ट में पेश नहीं की और तो और एसडीएम कोर्ट में पेश की गई जीडी में भी मामले में पंजीकृत अपराध संख्या 195 /2024 को छिपाते हुए अपराध संख्या 194/2024 का जिक्र किया गया हैं । सूचना का अधिकार में उपजिलाधिकारी कार्यालय से जानकारी में पथरी पुलिस का यह कारनामा सामने आया हैं। हलांकि कारनामा सामने आने के बाद संबंधित क्षेत्र की पुलिस ने मामले में एफआर लगाने का आश्वासन पीड़ित परिवार को दिया हैं।
इतना होने के बाद भी आरोपी के हौंसले इतने बुलंद हैं कि आरोपी पीड़ित परिवार का कहीं भी आने-जाने पर लगातार पीछा करता रहा हैं परन्तु संबंधित पुलिस सबकुछ जानकर भी मूकदर्शक बनी हुई हैं। आज पीड़ित परिवार की स्थिति यह हैं कि आरोपी के खौफ की वजह से किशोरी ने न सिर्फ घर से बाहर निकलना बंद कर दिया हैं बल्कि 10वीं कक्षा में अध्यनरत पीड़ित छात्रा ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया हैं।
अब मामले में पीड़ित ने पत्र लिखकर पूरे मामले से मुख्यमंत्री सहित मानवाधिकार व महिला आयोग ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं एसडीएम हरिद्वार को अवगत कराया हैं। जिसके बाद एसडीएम ने सीओ देहात को मामले की जांच के लिए पत्र प्रेषित किया हैं उधर मुख्यमंत्री कार्यालय सहित मानवाधिकार और महिला आयोग ने भी मामले को गंभीर प्रकृति का मानते हुए एसएसपी हरिद्वार को मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाही करने के निर्देश दिए हैं।